वेबसाइट बनाने में ये सबसे अहम भूमिका होती है कि आप अपनी वेबसाइट के लिए होस्टिंग कैसे खरीदते हो. होस्टिंग खरीदने के लिए आप को कई सारी बातो का खियाल रखना होगा.
होस्टिंग खरीदने का सीधा मतलब ये होता है कि आप अपने वेबसाइट के लिए एक सर्वर खरीद रहे हो. सर्वर कुछ और नहीं हमारे कंप्यूटर कि ही तरह एक कंप्यूटर होता है. जो कि इस तरह से बनाया जाता है कि वहा पर उसे कहीं से भी ऐक्सेस किया जा सके. इस में सिर्फ इस तरह की कॉन्फ़िगरेशन होती है.
वैसे तो हम घर पर भी अपने कंप्यूटर पर वेब होस्टिंग कर सकते है. पर ये इंडिया में पॉसिबल नहीं है. क्यों की कभी भी यहां पर इंटरनेट बंध हो जाता है या लाइट चली जाती है. तो हमारी वेबसाइट बन्ध हो जाएगी और उसकी रैंकिंग पर भी कुछ ना कुछ असर होगा. कभी इंटरनेट कि स्पीड कम हो जाती है.
इस वजह से हमे एक सर्वर लेना होगा. ये सर्वर हमे कहा से मिलेगा? ये कैसे खरीद ना है इस सब में आगे बताने वाला हूं.
हम पहले कुछ बाते क्लियर कर लेते है. की हमे किस तरह से सर्वर खरीद ना है. इसके पहले वाले आर्टिकल में मैने आप को बता या था कि होस्टिंग क्या होता है. तो आप उसे जाकर पहले पढ़े बाद में आप इसे कंटिन्यू करे क्युकी यूस समझें बिना आप सर्वर लेंगे तो आपको नुकसान हो सकता है.
तो अब आते है कि सर्वर केसे खरीदे अगर आप पहेली बार सर्वर खरीद रहे है तो आप को पता नहीं होगा की आप को सर्वर कहा से खरीद ने है. तो में आप को बता दू की हम ने जिस वेबसाइट से डोमेन खरीदा था उसी वेबसाइट को आप ने होस्टिंग लेने के लिए भी यूस करना है वैसे तो आप अपनी वेबसाइट के लिए दूसरी वेबसाइट से भी होस्टिंग खरीद सकते हो पर आपको आसान रहेगा अगर आप उसी वेबसाइट से होस्टिंग खरीदेगे.
अब आते है किस तरह की होस्टिंग आप को मिलेंगी. अगर आप जाते है सर्वर खरीद ने तो आप को यहां दो तरह के सर्वर मिलेंगे
1) Linux Server
2) Windows Server
इन दोनों मैसे कोनसा लेना है ये आपको आपकी वेबसाइट की प्रोग्रामिंग लेंग्वेज पर डिपेंड होता है. क्युकी अगर आप वेबसाइट html css java javascript इन लैंग्वेज में बनाते हो तो आप को आप को linux server लेना चाहिए. पर अगर आप की वेबसाइट ASP.net पर है तो आप को सिर्फ windows server ही लेना चाहिए.
Linux Server windows के मुकाबले काफी सस्ते मिलते है. क्युकी इसमें लाइसेंस होता है और काफी सारी और भी फॉर्मालिती होती है.
अब आपने ये सेलेक्ट कर लिया कि आप को कोनसा सर्वर लेना है उसके बाद आता है. की किस कंट्री में लेना है. क्युकी इसमें प्राइस का काफी डिफरेंस होता है. अगर आप इंडिया का सर्वर लेते हो तो आपको थोड़ा महंगा पड़ेगा पर आप USA का सर्वर लिए हो तो आप को काफी चिप प्राइस में मिलेगा. पर इसमें भी आप को एक चीज ध्यान में रखनी है अगर आप किसी बाहर कि कंट्री का सर्वर लेते है. तो आपके यूजर के ट्रैफिक को इंडिया से बाहर जाना पड़ेगा जिससे आप के वेबसाइट कि स्पीड में ज्यादा नहीं पर उन्नीस - बीस का फर्क पड़ेगा. इस लिए मेरा रिकमेंड रहेगाकी आप इंडिया का सर्वर को अगर आप का ट्रैफिक इंडिया से आता है तो.
इसके बाद आते है सर्वर के खरीद ने के ऊपर आप को वहीं सारी चीजे फॉलो करनी होगी जो कि हम एक डोमेन बाय करते समय की थी. होस्टिंग में आप को कई सारे प्लान मिलेंगे जो कि स्टार्टर से लेके बिजनेस तक के प्लान होंगे. अगर आप की वेबसाइट में ज्यादा ट्रैफिक नहीं आता या आप पहेली बार वेबसाइट बना रहे हो तो आप स्टार्टर प्लान चुने.
प्लान चुनने के बाद आपसे बोला जाएगा की आप डोमेन खरीदे अगर आपके पास डोमेन है तो आप उसे नो करके आई हैव डोमेन करे और आप कंटिन्यू करे यहां पर आप कोई भी डोमेन डाल सकते है. अगर आप के पास डोमेन नहीं है तो आप वहा से डोमेन खरीद भी सकते हो.
ये सब होने के बाद वो प्लान आप को एड टू कर्ट करना है. उसके बाद आप को डोमेन कि ही तरह यहां पर भी आप को डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, या नेट बैंकिंग की मदद से आप अपनी बताई गई राशि का भुगतान करना होगा.
ये सब हो जाने के बाद आप को होस्टिंग और डोमेन को कनेक्ट करना होगा. पर अगर आप ने अपने डोमेन को उसी वेबसाइट से रजिस्टर किया है तो आप को ये काम करने की जरूरत नहीं है.
इसके बाद वाले आर्टिकल में में आपको बताऊंगा कि कैसे आपको अपने होस्टिंग को कनेंक्ट करके वेबसाइट बनानी है.
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