DNS मतलब डोमेन नेम सिस्टम या सर्वर भी आप बोल सकते है.
सबसे पहले तो ये मेरा पहला पहला आर्टिकल है. और इस ब्लॉग मै में डोमेन नेम सिस्टम और होस्टिंग से जुड़ी पोस्ट पब्लिश करने वाला हूं. ये एक माइक्रो निशे ब्लॉग है. जो कि आप को सर्वर और होस्टिंग से रिलेटेड है.
अब हम बात करते है कि DNS क्या होता है. ऊपर मैने बताया इस DNS मतलब domain name system.
Domain Name एक नाम होता है. जो कि वेबसाइट को मिलता है जैसे कि हमारी इस वेबसाइट का है. पर ये एक सब डोमेन है. इस में भी कई तरह के पार्ट होते है. जैसे -
फर्स्ट लेवल डोमेन(top leval domain)
सेकंड लेवल डोमेन
थर्ड लेवल डोमेन
फोर्थ लेवल डोमेन
इस में से टॉप लेवल डोमेन आप को रजिस्टर करके खरीदना होता है. डोमेन नेम और कुछ नहीं सिर्फ IP address का स्ट्रिंग रूप होता है. क्युकी कुछ कारण कि वजह से इंसान ip address उदा.127.0.0.1 इस समस्या से बचने के लिए हम dns का कॉन्सेप्ट इंट्रोड्यूज हुआ जिस में ip address की जगह नाम का इस्तेमाल होने लगे और इस नाम के साथ लगता है टॉप लेवल डोमेन जैसे:- .com,.in,.net वगैरह.
टॉप लेवल डोमेन मतलब की वो नाम जो वेबसाइट के एड्रेस के साथ लगता है. जैसे कि .com.
इस सिस्टम को पूरी तरह मैनेज करता है ICANN जिसका फूल फॉर्म है Internet Corporation For Assign Names and Numbers. ये टॉप लेवल अथॉरिटी है जो कि दुनिया के सभी डोमेन को रजिस्टर करता है और उन सब कि निगरानी रखता है.
अब डोमेन कैसे रजिस्टर करना है और आगे की जानकारी हम देंगे दूसरे आर्टिकल में.
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