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Showing posts from November, 2020

whois look-up क्या है?

Whois look-up एक देता बेस है जोकि जिसने भी अपनी वेबसाइट बनाके डोमेन रजिस्टर किया है उनकी जानकारी होगी. अगर आपको किसिभि डोमेन के मालिक की जानकारी चेक करनी है तो आप को इस से मिली जाएगी. यहां आप को उसे कॉन्टेक्ट करने के लिए सारी चीजे आप को मिलसक्ती है. तो दोस्तो ये थी कुछ जानकारी whois look-up से रिलेटेड. अगर आपको ज्यादा जानकारी चाहिए तो आप मूजे कमेंट कर सकते है.

DA PA क्या होता है?

अगर आपकी वेबसाइट है और आप उसे ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुंचना चाहते है तो आप के लिए एक ये चीज भी जाननी काफी जरूरी है. तो आइए जानते है कि ये DA PA क्या होता है. सबसे पहले तो हम इन दोनों का मतलब जानेंगे की DA PA क्या होता है. DA मतलब डोमेन अथॉरिटी और PA मतलब पेज अथॉरिटी. पहले तो ये बात क्लियर करदू की वेबसाइट की इंटरनेट पर रैंकिंग से DA PA का कोई लेना देना नहीं है. DA PA को moz नाम की एक कंपनी में बनाया है. DA PA को समज ने के लिए आप को में एक टीचर का एकसांपल देता हूं. जब हम स्कूल में थे तब हम कभी भी अपना होम वर्क अपने टीचर को देते थे. और हमे टीचर उस तरह से हमे अंक देते थे. उसी तरह moz का भी है. यहां moz कई सारे पैरामीटर को देख के हमे शून्य से सो तक के अंक देगा है.  DA PA वेबसाइट की रिपुटेशन को बढ़ावा देने के लिए काफी महत्वपूर्ण है. पर मैने आप की ऊपर बताया उस तरह इस का गूगल के रैंकिंग से कोई लेना देना नहीं है.  तो ये थी कुछ जान कारी DA PA से रिलेटेड आशा करता हूं आपको ये जरूर काम आएगा.

अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक कैसे लाए?

अगर आपकी वेबसाइट अभी नई है और आप उसपर ट्राफिक ले कर आना चाहते है तो आप को ये जरूर जानना चाहिए. की ट्रैफिक कैसे लाए. तो आइए जानते है कि वेबसाइट पर ट्रैफिक कैसे लाए.  वेबसाइट पर अगर आप को नई वेबसाइट होने के कारण ट्राफिक नहीं मिल पाता तो कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है. अगर आपकी वेबसाइट नई है तो ये होना लाजमी ही कि आप की वेबसाइट पर सर्च से ट्रैफिक ना भी आए.  अगर आपको ऐसा होता है तो आपको अपनी वेबसाइट को अपने दोस्त अपने फेमिली मेंबर को भी शेयर कर सकते है. आप अलग अलग वेबसाइट में बैकलिंक बना कर भी अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक ला सकते है. अगर आप सोशल मिडिया में है तो आप वहा पर भी अपनी वेबसाइट को शेयर करके अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक लेके आ सकते है. तो दोस्तो ये थी कुछ जानकारी वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के विषय में.

वेबसाइट रैंकिंग के फेक्टर्स?

अगर आप वेबसाइट चलते है तो आप को कभी ट्रैफिक नहीं आत होगा. कभी वेबसाइट अपडाउन होती रहेत्ति है. विजिटर ज्यादा नहीं आते जैसी समस्या हो रही है तो आप को वेबसाइट के रैंकिंग के कुछ फेक्टर्स पता जरूर होने चाहिए. तो आइए जानते है वेबसाइट के रैंकिंग के फेक्टर्स. अगर आपकी वेबसाइट अभी नई है और कभी को गूगल के टॉप पेज पे होती है और कभी टॉप सो में भी नहीं होती. तो इसमें कोई चिंता की बात नहीं है क्युकी वेबसाइट की शुरुआत से एक डेढ़ साल तक आप की वेबसाइट सर्च इंजिन के लिए तो नई ही है. अगर ऐसा होता है तो कोई चिंता की बात नहीं है शुरुआत में ये सब होना लाजमी है.  वेबसाइट आप के विजिटर की संख्या पर और उनके औसत आप की वेबसाइट पर कितने समय तक रहा उस पर भी आप की वेबसाइट कि रैंकिंग होती है. अगर आप को यूजर फ्रेंडली वेबसाइट बनानी है तो आपको यूजर फ्रेंडली इंटरफेस भी यूस करना होगा जिस कारण यूजर को आप की वेबसाइट पर ज्यादा से ज्यादा समय आप की वेबसाइट पर रुके.  आप की वेबसाइट इन कुह कारण से रैंक नहीं हो रही है तो आप को इन्हे सुधारना पड़ेगी.

फ्रंट एंड और बैक एंड क्या है?

अगर आप वेबसाइट बनाते है तो आपको दो चीजों का पता होना चाहिए. अगर आपको फ्रंट एंड और बैक एंड का मतलब नहीं पता तो आपको में बताने वाला हूं तो आइए जानते है. फ्रंट एंड इसका मतलब है कि आपकी वेबसाइट की बाहर कि कोडिंग जो कि आपको html css से करनी होती है. इसके लिए आप को इन लैंग्वेज की जरूरत पड़ती है. बैकएंड इसका मतलब के वेबसाइट की अंदरूनी कोडिंग जो कि सर्वर पर चलती है. जैसे mysql php वगेरह. जिसकी मदद से आप डेटाबेस से डेटा की आपले कर सकते है. तो दोस्तो ये था बैक एंड और फ्रंट एंड का सिम्पल सादा मतलब.

Blogger में custom domain केसे add करे?

अगर आपकी वेबसाइट ब्लॉगर में है और आप ने डोमेन ले लिया है और आपको पता नहीं है कि ब्लॉगर कि वेबसाइट में कस्टम डोमेन कैसे add करे तो में आप को बताऊंगा कि कैसे आप एक कस्टम डोमेन केसे add करते है. तो आइए जानते है. सबसे पहले आप को आपकी डोमेन वाली वेबसाइट पर आजाना है और आप को dns मैनेज पर आ जाना है. वहा आप को यहां कईसारे ऑप्शन मिलनगे और आप को यहा कुछ रिकॉर्ड डालने होगे इसलिए आप अपने ब्लॉगर अकाउंट पर आ जाए.  ब्लॉगर में आने के बाद वहाके सैटिंग के ऑप्शन में जा कर आप को कस्टम डोमेन के ऑप्शन पर क्लिक करना है. क्लिक करने के बाद आप को अपना डोमेन यहां डालना होगा. डोमेन के आगे आप www लगाना ना भुले. उसके बाद आपको यहां पर एंटर दबाएं. एंटर प्रेस करने के बाद आप के डोमेन डोमेन के लिए कुछ cname और होस्ट नेम आ जाएंगे आप को जो cname ब्लॉगर में मिला है इसे आपको डोमेन वाली वेबसाइट में cname के रिकॉर्ड में आप को cname add कर देना है. उसके बाद आप को वापिस ब्लॉगर में आ जाना है वहा पर आपको एक होस्ट नेम मिलेगा. उसे आप को डोमेन वाली वेबसाइट के होस्ट में डाल देना है. उसके बाद इस रिकॉर्ड को सेव कर देना है. वापिस से आप

Sitemap क्या होता है?

साइटमैप का मतलब होता है कि आप की वेबसाइट कि सारी लिंक एक पेज के अंदर होती है. अगर आप को किसी भी वेबसाइट पर कोई भी वेबपेज पर जाना है. आप आसानी से साइटमैप कि मदद से किसीभी उस साइट के किसी भी कोने में पहोच सकते है. अगर किसी भी वेबसाइट का साइटमैप देखना है तो आप उसकी वेबसाइट एड्रेस के पीछे /sitemap.xml लिख देना है जिससे उस वेबसाइट का पूरा साइटमैप आपके सामने आ जाएगा.  अगर आप वेबसाइट ब्लॉगर पर बनाते है. तो आपको साइटमैप बनानेकी कोई जरूरत नहीं होगी. क्युकी वहा अपने आप पूरा साइटमैप बन जाता है. तो ये थी जानकारी साइटमैप से रिलेटेड. अगर आपका कोई डाउट हो तो आप मुझे कमेंट में पूछ सकते है.

Alexa rank क्या होता है?

अगर आप किसी भी वेबसाइट को देखेंगे तो आपको उसके साथ साथ एलेक्सा रैंक भी दिखाया जाता है. तो अगर आप को नहीं पता कि एलेक्सा रैंक क्या होता है. तो चलिए में आपको बताता हूं कि एलेक्सा रैंक क्या होता है. तो आइए जानते है. सबसे पहले तो ये जानते है कि एलेक्सा किसने बनाया है. एलेक्सा को अमेज़न ने बनाया है. एलेक्सा एक ऐसी वेबसाइट है को वेबसाइट को रैंक देने केलिए बनाया है.   ये उसी वेबसाइट कि रैंक दिखाती है जिसके ब्राउज़र में एलेक्सा होता है.  ये अलग अलग वेबसाइट को अपने कुछ रैंकिंग फैक्टर के मुताबिक उसे रैंक देता है. और उसे उसकी कॉम्पिटीटर वेबसाइट की भी लिस्ट देता है. अगर आपकी वेबसाइट नई है. और आपको यूस एलेकसामे लानी है तो आपको तीन महीने तक का समय लगेगा.  तो ये थी जानकारी एलेक्सा के बारेमे आप को ये जरूर काम आयेगी.

ऑन पेज seo और ऑफ पेज seo क्या होता है?

अगर हमने वेबसाइट में seo के जरिए रैंक करवाना चाहते है तो आप को दो चीजों का पता होना चाहिए. ऑन पेज seo और ऑफ पेज seo. अगर आप अपनी वेबसाइट को खुद ही डेवलप कर रहे है. तो आप को ये चीजो का पता होना चाहिए. तो आइए जानते है कि ऑन पेज और ऑफ पेज seo क्या है. ऑन पेज seo का मतलब है कि आप वहीं वेबसाइट के एक पेज पर सारे कीवर्ड लिख देना है. और वहा पर आप को अपनी वेबसाइट पर ही सारी चीजे करनी है जो कि आपकी वेबसाइट को रैंक करने में मदद रूप होती है. अब हम आते है कि आपकी वेबसाइट में ऑफ पेज seo कैसे करते है. ऑफ पेज seo के लिए आपको थोड़ी बहुत कोडिंग आनी चाहिए. अगर आपको ऑफ पेज seo करना है तो आपको अपने वेबसाइट को अपने वेबसाइट के html में अच्छे से टैग लगाने होगे. होगे उसमे आप को मेटा डिस्क्रिप्शन भी अच्छे से लिखना होगा. इसमें आपको बैकलिंक बनानी होती है.  तो ये थी जानकारी ऑन पेज seo aur off पेज seo करने में मदद मिलेगी.

लोकलहोस्ट क्या होता है?

हमने काफी दिन पहले एक ब्लॉग बनाया था. उसमे एक वेबसाइट को होस्ट करना सिखाया था. पर उसमे हमने वो वेबसाइट एक सर्वर में होस्ट कि थी. उसमे हमने वो वेबसाइट लाइव सर्वर पर होस्ट की थी.  पर कई बार हमे जब वेबसाइट डेवलप करनी होती है. तब हम सीधा सर्वर पर होस्ट ना करके हमे अपने खुदके सिस्टम में ही इसे होस्ट करना होता है. होस्ट करने के लिए हमे अपने कम्प्यूटर या लैपटॉप में ही एक सर्वर बनाके कन्फिगर करना होता है.  इस के लिए आपके कंप्यूटर या लैपटॉप में xampp सर्वर होना जरूरी है. उसमे आप को सर्वर को एक्टिवेट करना होता है इसमें आपको तीन चीजे स्टार्ट करनी होगी  1 apache 2 MySQL  3 phpmyadmin ये तीनों को आप जब स्टार्ट करेंगे. तो आपकी सिस्टम में भी सर्वर जैसी सैटिंग हो जाएगी. जिसमे आप अपनी वेबसाइट को होस्ट कर सकेंगे.  अगर आप को इसे चेक करना है तो आप अपने कोई ब्राउज़र में जाकर उसमे सिर्फ लोकल होस्ट लिखना है. तो आपके सामने एक xampp का पेज ओपन होगा अगर हो जाता है तो आप ने इसे सक्सेसफुली एक्टिव कर दिया है. अब अगर हमे अपने वेबसाइट को होस्ट करना है. तो आपको अपने कंप्यूटर में मी कंप्यूटर के फोल्डर में जाकर xamp

बैकलिंक क्या होता है?

मैने गूगल स्पाइडर वाले ब्लॉग में मैने आप से बैकलिंक के बारेमे बताया था. अगर आप को नहीं पता तो में आपको इसके बारेमें आज बताऊंगा की ये बैकलिंक क्या होता है. तो आइए जानते है. बैकलिंक को समाज ने के लिए में आपको एक एकसामपल के जरिए बताता हु. हम एकसामपल के तौर पर दो वेबसाइट लेते है एक का नाम है A और दूसरे का नाम है B. अगर A वाली वेबसाइट की कोई लिंक B वाली वेबसाइट में है तो उसे बैकलिंक कहे ते है. बैंक लिंक भी वैसे दो टाइप की होती है. जैसे  Dofollow बैकलिंक Nofollow बैकलिंक डूफोलो बैक लिंक बनाने के लिए आपको सिर्फ अपनी वेबसाइट में उस जगह a href टैग में सिर्फ वेबसाइट कि लिंक देनी है.  अगर आप को नोफोलो बैकलिंक बनानी है तो आपको अपनी वेबसाइट a href टैग में rel='nofollow' लिखना पड़ेगा. आपको सिर्फ ये करने के बाद बैकलिंक बन जाएगी. बैकलिंक बनाने का मुख्य कारण दूसरी वेबसाइट से ट्रैफिक लेना. और अपनी वेबसाइट को रैंक करवाना इसका मूल्य कारण है.  तो दोस्तो अब आपको पता चल गया होगा कि बैकलिंक क्या होता है और इसका इस्तेमाल क्या है.

गूगल स्पाइडर क्या है?

अगर आप वेबसाइट बनाते है या आप seo से रिलेटेड काम करते है. तो आपने गूगल स्पाइडर के बारे में जरूर सुना होगा. या ऐसा भी ही सकते है. की आप इसके बारेमें आप थोड़ा बहुत जानते भी हों. तो आज इस विषय में कंप्लीट आर्टिकल लेके आया हूं. तो आइए जानते है. गुगल स्पाइडर एक तरह की कोडिंग होती है. जो कि जब आप वेब मास्टर अपनी वेबसाइट को सब्मिट करेंगे तब क्रोलर आप की वेबसाइट को स्कैन करेगा. ये क्रोलर को ही गूगल स्पाइडर कहा जाता है.  ये क्रोलर या आप गूगल स्पाइडर आप की वेबसाइट को स्कैन करता है. और ये ढूंढ़ता है बैकलिंक यानी हाइपर्लिंक की वो और कितनी वेबसाइट को पॉइंट करता है. ये गूगल स्पाइडर हर सेकंड कई वेबसाइट को क्रॉल करता है. और ये क्रोल की हुई इन्फॉर्मेशन को गूगल के सर्वर पर भेजता है. जो कि ये सारी इंफॉर्मेशन आप को सर्च रिजल्ट में दिखने के लिए यूस करता है.  तो ये थी कुछ जानकारी गूगल स्पाइडर से रिलेटेड.

SSL क्या होता है?

SSL सिक्योर सॉकेट लेयर. आज हम जानेंगे की एसएसएल क्या होता है इसका इस्तेमाल क्या है वगेरह. तो आइए जानते है. SSL एक तरह का सर्टिफिकेट होता है जो कि आप की वेबसाइट को http से https में ले जाते है. ये सर्टिफिकेट आप को होस्टिंग के साथ मिलता है.  अगर आप ब्लॉगर यूस करते है तो ये वहा पर भी होता है. इसे सिर्फ क्लिक करके अनेबल करना होता है. ये सर्टिफिकेट की मदद से आप का कनेक्शन इंक्रिप्टेड हो जाता है. जिससे आप का कनेक्टन सिक्योर ही जाता है.  तो ये थे कुछ फायदे ssl सर्टिफिकेट के बारे में.

कोडिंग क्या होता है?

कोडिंग क्या होता है. आज हम इस विषय में बात करेंगे. की कोडिंग क्या होता है प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या होता है कोंसी लैंग्वेज कहा पर यूस होगी. तो आइए जानते है. आपको कोडिंग या प्रोग्रामिंग समझ ने के लिए आपको पहले इसका इस्तेमाल समाज ना होगा. अगर आप मोबाइल या कंप्यूटर चलते है. तो आप कोई ना कोई एप्लिकेशन इस्तेमाल करते होंगे आप या वेबसाइट बनाने केलिए आपको इन प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जरूरत होती है.  आप को एप और वेबसाइट बनाने के लिए अलग अलग प्रोग्रामिंग भाषा की जरूरत पड़ती है. केसे html css जैसी भाषा वेब डिजाइनिंग में काम आती है. और जावा सी जैसी भाषा एप बनाने के लिए काम में आती है.  ये सारी होगया प्रोग्रामिंग भाषा की बात और जब हम ये वस्तु को बनाते है और इसको बनाने की प्रक्रिया को कोडिंग या प्रोगामिंग कहेते है. अब आपको इस विषय से रिलेटेड सारे डाउट क्लियर हो गए होंगे अगर आपको कोई भी समस्या है तो आप मुझे कमेंट करके बता सकते है.

वेब मास्टर क्या है?

वेब मास्टर एक प्रोग्राम होता है. जो कि हरएक सर्च इंजन के पास होता है. सर्च इंजन में आप की वेबसाइट को इंडेक्स करने के लिए वेब मास्टर का उपयोग होता है.   गूगल के पास भी अपना वेब मास्टर प्रोग्राम है जिसका नाम गूगल सर्च कंसोल है. इसके जरिए आप अपने वेबसाइट को गूगल सर्च इंजन में इंडेक्स करवा सकते है.  वेब मास्टर से आप अपने ट्रैफिक को भी देख सकते है. अगर आपको लगता है कि मुझे ये देखना कि कौनसे देश से वेबसाइट पर लोग विजिट कर रहे है तो आपको इसकी भी ऑप्शन मिलती है.  अगर आपको ये जानना है कि मेरी वेबसाइट किस कीवर्ड पर रैंक कर रही है ये भी आप इसकी मदद से जान सकते है. अगर आप ये जानना चाहते है कि आपकी वेबसाइट के कोंसे पेज इंटरनेट पर है कौनसे पेज इंडेक्स नहीं है. कोनसा पेज क्यू इंडेक्स नहीं है. ये सारी चीजे आपको सिर्फ वेबमास्टर से पता लगा सकते है. अब हम जानेंगे की गूगल सर्च कंसोल में वेबसाइट कैसे इंडेक्स करनी है. गूगल वेब मास्टर में अपनी वेबसाइट डाल ने के लिए आपकी वेब साइट या ब्लॉग का एड्रेस होना चाहिए. आप को अपने वेबसाइट को सर्च कंसोल में डालने के लिए. आप को एक ईमेल आईडी कि जरूरत पड़ेगी. इसके लिए अगर