हैलो दोस्तो, आज के डिजिटल युग में सर्च इंजन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। गूगल जैसे वैश्विक सर्च इंजन ने बाजार पर कब्जा कर लिया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में भी कई सर्च इंजन बनाए गए हैं? भारतीय इंजीनियर्स और एंटरप्रेन्योर ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए कई स्वदेशी सर्च इंजन विकसित किए, जो स्थानीय जरूरतों और भाषाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए थे। हालांकि ये सर्च इंजन गूगल जितने लोकप्रिय नहीं हो पाए, लेकिन इन्होंने भारत के डिजिटल इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आइए, कुछ पुराने भारतीय सर्च इंजनों की कहानी जानते हैं। प्रमुख पुराने भारतीय सर्च इंजन 1. गुरुजी (Guruji.com) Establishment: 2006 Founders: अनुराग डोड और गौरव मिश्रा (आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र) Speciality: गुरुजी भारत का पहला क्रॉलर-आधारित सर्च इंजन था, जिसे विशेष रूप से भारतीय यूजर्स के लिए डिजाइन किया गया था। यह हिंदी, तेलुगु, और कन्नड़ जैसी भाषाओं में सर्चिंग सपोर्ट करता था। इसमें म्यूजिक, फाइनेंस, सिटी, movies और pictures जैसे चीज़ें सर्च करने की सुविधा थी। गुरुजी ने भारतीय विषय वस्तु को प्रायोरि...
आज की तारीख में एआई (Artificial Intelligence) और ब्लॉकचेन दोनों तकनीकों का प्रयोग बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। दोनों ही तकनीकें आगामी दशक में बड़े पैमाने पर उपयोगी हो सकती हैं, लेकिन क्या आगामी दशक में एआई ब्लॉकचेन तकनीक सभी क्षेत्रों में उपयोगी होगी? इस प्रश्न का जवाब देने से पहले हमें इन दोनों तकनीकों के बारे में थोड़ी जानकारी होनी चाहिए। ब्लॉकचेन तकनीक एक सुरक्षित डेटा संरचना होती है, जहाँ एक साझा लेजर के रूप में सभी इस्तेमाल करने वाले कंप्यूटरों के बीच एक निर्दिष्ट रूप से विनिमय होता है। इस विनिमय को एन्क्रिप्टेड डेटा की एक श्रृंखला के रूप में शामिल किया जाता है जो कि इस्तेमाल करने वाले कंप्यूटरों के बीच सुरक्षित तरीके से साझा की जाती है। ब्लॉकचेन तकनीक का मुख्य लक्ष्य सुरक्षित डेटा संचरण का सुनिश्चय करना है। एआई तकनीक एक होशियार कंप्यूटर प्रणाली है, जो कि मानव बुद्धि के समान कार्य करने में सक्षम होती है। एआई किसी भी काम को अधिक सक्षम बनाने के लिए यूज होता है, चाहे वह कुछ खोजना हो या कुछ निर्धारित करना हो। एआई तकनीक के उपयोग से कंप्यूटर सिस्टम अपने आप सीखते हैं और फिर उन्हें समस्या ह...